राज्य

कन्नौज : गैंगस्टर एक्ट में सांसद सुब्रत पाठक समेत 14 बरी, 2015-16 दंगों में पुलिस ने की कार्रवाई

सारांश

फास्ट ट्रैक रूम नंबर 1 के अपर सत्र न्यायाधीश/न्यायाधीश ने सांसद सुब्रत पाठक समेत सभी 14 लोगों को साक्ष्य के अभाव में गैंगस्टर एक्ट से बरी कर दिया. अधिवक्ता अनिल द्विवेदी ने बताया कि सुब्रत पाठक के बढ़ते राजनीतिक दबदबे को देखते हुए प्रशासन ने सत्ताधारी दल के इशारे पर झूठे मुकदमे दर्ज किए थे.

खबर सुनो

अदालत ने गुरुवार को 2015-16 दंगों के मामले में सबूत के अभाव में सांसद सुब्रत पाठक सहित 14 लोगों को बरी कर दिया। पुलिस ने इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की। सांसद सुब्रत पाठक के वकील अनिल द्विवेदी तपन ने कहा कि 5 जुलाई 2015 को शहर में एक दुकान खाली कराने को लेकर और 22 अक्टूबर 2015 को जुलूस पर फायरिंग को लेकर सांप्रदायिक दंगा हुआ था.

सदर कोतवाली पुलिस ने सांसद सुब्रत पाठक समेत उनके करीबी दोस्तों और समर्थकों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए थे. 12 जनवरी 2016 को तत्कालीन सदर कोतवाली निरीक्षक श्यामवीर सिंह यादव ने सुब्रत पाठक समेत 14 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर का मामला दर्ज कराया था.

बताया गया कि सुब्रत पाठक और उसके गिरोह के सदस्यों ने शहर में लूटपाट, आगजनी और फायरिंग की थी. गुरुवार को फास्ट ट्रैक रूम नंबर 1 के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश/न्यायाधीश ने सांसद सुब्रत पाठक समेत सभी 14 लोगों को सबूतों के अभाव में गैंगस्टर एक्ट से बरी कर दिया. अधिवक्ता अनिल द्विवेदी ने बताया कि सुब्रत पाठक के बढ़ते राजनीतिक दबदबे को देखते हुए प्रशासन ने सत्ताधारी दल के इशारे पर झूठे मुकदमे दर्ज किए थे. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया।

ये लोग हुए बरी
सुब्रत पाठक, पठानकाना निवासी सौरभ कटियार, देविन टोला, विक्रम त्रिपाठी, हरदेवगंज, विशाल शुक्ला, गुड्डू यादव, अरविंद उर्फ ​​भौडू, गदनपुर वड्डू, अवधेश राठौर, निवासी युसूफपुर, रंजीत कश्यप, पुष्कर मिश्रा, होरी मोहल्ला निवासी ईशु कनौजिया, बगिया फजल इमाम, चीनी कनौजिया, मनु गुप्ता निवासी कचारी टोला, चौधरी सराय निवासी अंकित दुबे और अंबेडकर नगर निवासी गगन मिश्रा को बरी कर दिया गया है.

विस्तार

अदालत ने गुरुवार को 2015-16 दंगों के मामले में सबूत के अभाव में सांसद सुब्रत पाठक सहित 14 लोगों को बरी कर दिया। पुलिस ने इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की। सांसद सुब्रत पाठक के वकील अनिल द्विवेदी तपन ने कहा कि 5 जुलाई 2015 को शहर में एक दुकान खाली कराने को लेकर और 22 अक्टूबर 2015 को जुलूस पर फायरिंग को लेकर सांप्रदायिक दंगा हुआ था.

सदर कोतवाली पुलिस ने सांसद सुब्रत पाठक समेत उनके करीबी दोस्तों और समर्थकों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए थे. 12 जनवरी 2016 को तत्कालीन सदर कोतवाली निरीक्षक श्यामवीर सिंह यादव ने सुब्रत पाठक समेत 14 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर का मामला दर्ज कराया था.

बताया गया कि सुब्रत पाठक और उसके गिरोह के सदस्यों ने शहर में लूटपाट, आगजनी और फायरिंग की थी. गुरुवार को फास्ट ट्रैक रूम नंबर 1 के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश/न्यायाधीश ने सांसद सुब्रत पाठक समेत सभी 14 लोगों को सबूतों के अभाव में गैंगस्टर एक्ट से बरी कर दिया.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button