राज्य

यूपी चुनाव 2022: मैनपुरी में सियासी बोर्ड पर समय के साथ बदला दांव, दल बदल कर कई नेता बने विधायक

सारांश

राजनीति में सब जायज है… मैनपुरी जिले के नेताओं ने इस कहावत को कई बार सच साबित किया है। समय के साथ, राजनीतिक बोर्ड पर दांव और दल बदल गए। इसका फायदा उन्हें मिला और वह विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे।

खबर सुनो

मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से बाबूराम यादव लगातार पांच बार विधायक रहे। उनका रिकॉर्ड आज तक कोई दूसरा नेता नहीं तोड़ पाया है. लगातार पांच बार विधायक चुने जाने का कीर्तिमान बनाने के लिए बाबूराम यादव को समय-समय पर राजनीतिक बोर्ड पर दांव और पार्टियों को बदलना पड़ा। उन्होंने वर्ष 1985 में लोक दल से विधानसभा चुनाव जीता।

इसके बाद उन्होंने 1989 में अपनी पार्टी बदलकर जनता दल कर लिया, 1991 से जनता पार्टी का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। करहल में सपा की लहर आई तो साइकिल पर सवार हो गए। उन्होंने वर्ष 1993 और 1996 में समाजवादी पार्टी से करहल विधानसभा सीट जीती थी।

पूर्व मंत्री मुंशीलाल ने भी बदली पार्टियां

पूर्व मंत्री मुंशीलाल की बात करें तो उन्होंने भी समय की जरूरत को समझा और चार बार विधायक बने। साल 1967 और 1969 में उन्होंने स्वतंत्र पार्टी से करहल विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। 1974 में उन्होंने पार्टी बदल ली और कांग्रेस में शामिल हो गए।

वह कांग्रेस के टिकट पर किशनी विधानसभा क्षेत्र से 1974 और 1980 में दो बार विधायक चुने गए। सोबरन सिंह यादव ने साल 2002 में करहल सीट से बीजेपी के टिकट पर पहला चुनाव जीता था. इसके बाद उन्होंने साइकिल की कमान भी संभाली और 2007, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते।

उल्टा पलटा रामेश्वर का दांव

रामेश्वर दयाल चार बार विधायक रहे। उन्होंने हर चुनाव में जीतने के लिए अपने दांव बदले। 1989 में, उन्होंने किशनी विधानसभा सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता। उन्होंने 1991 में जनता पार्टी से पार्टी बदलकर चुनाव लड़ा, जनता ने उन्हें दूसरी बार विधायक चुना।

जब समाजवादी पार्टी बनी तो चुनावी हवा को समझते हुए मुलायम सिंह यादव से जुड़ गए। उन्होंने 1993 और 1996 का चुनाव सपा के टिकट पर जीता था। 2002 के विधानसभा चुनाव में जब सपा ने उनका टिकट काटा तो वे बागी हो गए और भाजपा में शामिल हो गए। चार बार के विधायक का यह दांव उल्टा पड़ गया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कितनी बार विधायक बने

– बाबूराम यादव लगातार 05 बार विधायक चुने गए
– सोबरन सिंह यादव लगातार 04 बार विधायक चुने गए।
– मुंशीलाल लगातार 04 बार विधायक बने
– 04 बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे रामेश्वर दयाल

दायरा

मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से बाबूराम यादव लगातार पांच बार विधायक रहे। उनका रिकॉर्ड आज तक कोई दूसरा नेता नहीं तोड़ पाया है. लगातार पांच बार विधायक चुने जाने का कीर्तिमान बनाने के लिए बाबूराम यादव को समय-समय पर राजनीतिक बोर्ड पर दांव और पार्टियों को बदलना पड़ा। उन्होंने वर्ष 1985 में लोक दल से विधानसभा चुनाव जीता।

इसके बाद उन्होंने 1989 में अपनी पार्टी बदलकर जनता दल कर लिया, 1991 से जनता पार्टी का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। करहल में सपा की लहर आई तो साइकिल पर सवार हो गए। उन्होंने वर्ष 1993 और 1996 में समाजवादी पार्टी से करहल विधानसभा सीट जीती थी।

पूर्व मंत्री मुंशीलाल ने भी बदली पार्टियां

पूर्व मंत्री मुंशीलाल की बात करें तो उन्होंने भी समय की जरूरत को समझा और चार बार विधायक बने। साल 1967 और 1969 में उन्होंने स्वतंत्र पार्टी से करहल विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। 1974 में उन्होंने पार्टी बदल ली और कांग्रेस में शामिल हो गए।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button