राज्य

कोरोना से मौत पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट अब जरूरी नहीं जाने पूरी खबर।

 

कोर्ट ने कहा कि जिस भी व्यक्ति की मौत हुई है और उसमें कोरोना के लक्षण मौजूद हैं तो उसके परिवार के सदस्यों को 1 जून 2021 के शासनादेश के तहत अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाए.

 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि कोरोना से मृत्यु पर अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए एंटीजन या RTPCR रिपोर्ट आवश्यक नहीं है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई है और उसमें कोरोना के लक्षण मौजूद हैं तो उसके परिवार के सदस्यों को एक जून 2021 के शासनादेश के तहत अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने निपटारा करते हुए दिया है। मिथिलेश की सहारनपुर की याचिका पर

मामले में याचिकाकर्ता के वकील कमल कुमार केसरवानी की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता का पति मेघनाथ प्राथमिक विद्यालय डेहरी प्रखंड रामपुर मनिहारी जिला सहारनपुर में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत था. उन्हें पंचायत चुनाव 2021 में पीठासीन अधिकारी बनाया गया था। 14 व 15 अप्रैल 2021 को चुनाव ड्यूटी पूरी करने के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हो गए। उसका इलाज जिला अस्पताल सहारनपुर में किया गया लेकिन उसकी एंटीजन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं थी।

हालांकि अन्य सभी रिपोर्ट्स (सीटी स्कैन और ब्लड टेस्ट) में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखे। लेकिन सरकार ने अनुग्रह राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया। डीएम की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के पति की एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है.

इस पर याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मामले में सुनवाई करते हुए दो जजों की बेंच ने कहा कि महज एंटीजन या आरटीपीसीआर रिपोर्ट न मिलने के कारण यह नहीं कहा जा सकता कि मौत कोरोना से नहीं हुई। कोर्ट ने डीएम सहारनपुर को दो महीने के भीतर अनुकंपा के दावे का निपटारा करने का निर्देश दिया.

Related Articles

Back to top button