विपिन साहनी मामला: सीबीआई के पास जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय
सारांश
याचिकाकर्ता पर एआईसीटीई से तथ्य छिपाने और तकनीकी संस्थान की मान्यता मांगने का आरोप है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव की ओर से पैरवी की जा रही है। प्रतिवादी विपिन साहनी ने वर्ष 2007-08 में नोएडा में एक तकनीकी संस्थान खोला था।
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विस्तार
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से तथ्यों को छिपाने और तकनीकी संस्थान की मान्यता की मांग के मामले में सीबीआई को जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसके लिए सीबीआई को तीन हफ्ते का समय दिया है। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए 15 अप्रैल 2022 की तारीख तय की गई है. राजीव गुप्ता की खंडपीठ ने सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.
मामले में याचिकाकर्ता पर एआईसीटीई से तथ्य छिपाने और एक तकनीकी संस्थान की मान्यता मांगने का आरोप है। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव की ओर से पैरवी की जा रही है। प्रतिवादी विपिन साहनी ने वर्ष 2007-08 में नोएडा में एक तकनीकी संस्थान खोला था।
इस संस्थान में सैकड़ों छात्रों ने दाखिला लिया था। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने जांच की। इसके बाद विपिन साहनी दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई कोर्ट ने दोनों को अंतरिम जमानत दे दी है। इसके खिलाफ सीबीआई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।