सारांश
उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 255 सीटों पर जीत हासिल की है। समाजवादी पार्टी के खाते में 111 विधायक आए, जबकि अपना दल के 12 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की.
उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे 403 विधायकों में से 205 यानी 51% दागी हैं. इनमें से 158 विधायकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं. पिछली बार की तुलना में इस बार 15 फीसदी अधिक दागी सभा पहुंची है. 2017 में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 36 फीसदी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। राजनीतिक हस्तियों का हिसाब-किताब तैयार करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो रालोद के पास 88 फीसदी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास 67 फीसदी, समाजवादी पार्टी के पास 64 फीसदी है. कांग्रेस, बसपा और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से जितने भी विधायक जीते सभी अपराधी हैं. मतलब इन पार्टियों के 100% दागी विधायक चुन लिए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी के दागी विधायकों में से 44 फीसदी विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे.
- चुनाव जीतने वाले पांच विधायक हत्या के मामलों का सामना कर रहे हैं।
- 29 विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।
- बीजेपी से जीतने वाले एक विधायक पर रेप का आरोप है.
- महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए छह विधायकों पर मामला दर्ज किया गया है।
91% करोड़पति विधायक चुने गए
यूपी में इस बार 91 फीसदी करोड़पति विधायक गरीबों की आवाज उठाने के लिए विधानसभा पहुंचे हैं. मतलब 403 में से 366 विधायक करोड़पति हैं। उनके पास एक करोड़ या उससे अधिक की संपत्ति है। विधायकों की औसत संपत्ति 8.06 करोड़ रुपये है। 2017 में चुने गए 80% विधायक करोड़पति थे। यानी इस बार इसमें दस फीसदी का इजाफा हुआ है.
दल |
करोड़पति विधायक प्रतिशत और संख्या |
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी |
100% (06) |
निषाद पार्टी |
100% (06) |
जनसत्ता दल डेमोक्रेटिक |
100% (02) |
कांग्रेस |
100% (01) |
बसपा |
100% (01) |
बी जे पी |
91% (233) |
सपा |
90% (100) |
रालोद |
88% (07) |
अपना दल (सोनेलाल) |
97% (09) |
ये हैं तीन सबसे अमीर विधायक
विधायक |
सीट |
संपत्ति |
अमित अग्रवाल (भाजपा) |
मेरठ कैंट |
148 करोड़ रु |
मोहम्मद नासिर (समाजवादी पार्टी) |
मुरादाबाद ग्रामीण |
60 करोड़ |
राकेश पांडे (समाजवादी पार्टी) |
जलालपुर |
59 करोड़ |
विस्तार
उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे 403 विधायकों में से 205 यानी 51% दागी हैं. इनमें से 158 विधायकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं. पिछली बार की तुलना में इस बार 15 फीसदी अधिक दागी सभा पहुंची है. 2017 में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 36 फीसदी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। राजनीतिक हस्तियों का हिसाब-किताब तैयार करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो रालोद के पास 88 फीसदी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास 67 फीसदी, समाजवादी पार्टी के पास 64 फीसदी है. कांग्रेस, बसपा और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से जितने भी विधायक जीते सभी अपराधी हैं. मतलब इन पार्टियों के 100% दागी विधायक चुन लिए गए हैं. भारतीय जनता पार्टी के दागी विधायकों में से 44 फीसदी विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे.
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