उत्तर प्रदेश में सरकारी खटारा बसों के दिन लदने वाले है। यूपी परिवहन निगम प्रशासन ने पुरानी और खटारा बसों को अब सड़कों से हटाने का फैसला किया है। अगले 100 दिन इन बसों को हटाकर नई 100 बसें बेड़े में शामिल की जाएगी। सरकार के 100 दिन के एजेंडा पर काम करते हुए परिवहन निगम ने यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा देने के लिए नई बसें लाने के लिए काम शुरु कर दिया है।
इतना ही नही लखनऊ परिक्षेत्र में भी 100 दिनों में 90 नई साधारण बसें और 10 नई सीएनजी बसें चलाने का लक्ष्य भी तय कर दिया गया है। इसके लिए क्षेत्रीय स्तर पर लखनऊ से अलग-अलग जिलों के बीच रूट की पहचान भी कर लगी गई है। जल्द ही अब लखनऊ से अलग-अलग जिलों में नई बसें चलाई जाएंगी।
लखनऊ में चलेंगी नई सीएनजी बसें
लखनऊ शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला हुआ था। लेकिन, इन बसों के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन ना होने की वजह से अब सीएनजी बसें चलाई जाएंगी। क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस की माने तो लखनऊ परिक्षेत्र से डीजल और सीएनजी मिलाकर सौ नई बसों की मांग करते हुए प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा गया है। इन बसों का संचालन एक साथ न होकर चार-चार बसों को सड़कों को उतारा जाएगा। हालांकि लखनऊ शहर में सीएनजी बसें ही चलाई जाएंगी।
लखनऊ से कानपुर तक अब सीएनजी बस में होगा सफर
इतना ही नही लखनऊ से कानपुर के बीच भी पहली बार सीनएजी बसें चलेंगी। खबर है कि इसके लिए 10 सीएनजी बसें भी मंगाई जा रही है जो, लखनऊ से कानपुर रुट पर चलेंगी। ये बसें एक बार में लखनऊ-कानपुर के बीच एक दिन में चार चक्कर लगाएगी। इन बसों से रोजाना एक हजार से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे।उम्मीद है कि 15 अप्रैल के बाद जैसे-जैसे बसें आएगी। वैसे-वैसे नई बसें चिन्हित रूटों पर दौड़ने लगेंगी।
ग्रामिण इलाकों में भी दौड़ेगी नई बसें
योगी सरकार 2.0 में पूर्वांचल एक़्सप्रेसवे से आज़मगढ़ के लिए 6 बसें चलाई जा रही है। इनमें अयोध्या टांडा और महमुदाबाद के लिए 10-10 बसें,बलिया मऊ और ग़ाज़ीपुर के लिए 8-8 बसें,अयोध्या बस्ती और गोरखपुर के लिए 10 बसें, प्रयागराज और हरदोई के लिए 8-8 बसें। इसके साथ ही प्रतापगढ़ के लिए 6 और बरेली और सुल्तानपुर के लिए 4-4 नई बसें चलेंगी।