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Up stf ने गिरफ्तार किया,सरकारी नौकरी दिलाने वाले ठग को ,जाने कैसे करता था ये ठगी का काम।

यूपी एसटीएफ ने एनआईसी डाटा सेंटर में विभिन्न पदों पर भर्ती कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपए हड़पने वाले ठग प्रतीक मिश्रा को बुधवार शाम गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ विभूतिखंड कोतवाली में चार से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसने लोगों को आईएएस से लेकर आईबी अधिकारी बनकर विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 250 लोगों से करोड़ों की ठगी की है। वह वाइस चेंजर साफ्टवेयर व VOIP CALLING का प्रयोग कर लोगों को खुद को संबंधित विभाग का अधिकारी होने का एहसास दिलाता था।

पत्नी के साथ मिलकर कर रहा था ठगी का खेल

 

एसआई पंकज सिंह के मुताबिक 22 अक्टूबर 2021 को विभूतिखंड कोतवाली में प्रवेश पासवान ने प्रतीक मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके आधार पर अनुसार मूलत संतकबीर नगर निवासी प्रतीक मिश्रा को पिकप भवन के पास से पकड़ा गया है। मौजूदा वक्त में प्रतीक मानकनगर में रहता है। प्रतीक एनआईसी अधिकारी होने का दावा करते हुए प्रवेश समेत 16 लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रुपये ठगे थे। पीड़ितों के मुताबिक वह पत्नी ज्योति मिश्रा के साथ मिल कर युवकों की नौकरी एनआईसी में लगवाने की बात कही थी। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने साइबर सॉल्यूशन के नाम से एक कंपनी खोली थी। जिसके जरिए वह लोगों को नौकरी दिलाने का दावा करता था।

 

आईएएस और कई नामी कंपनी का एमडी बनकर लोगों को था फसाता

 

एसटीएफ के एसआई पंकज ने बताया कि प्रतीक निजी कंपनियों में काम कर चुका है। वर्ष 2019 में वह लखनऊ आया था। यहां आने के बाद उसने रिश्तेदार और परिचितों को बताया था कि उसका चयन आईपीएस के लिए हो गया था। अब वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर नौकरी भी लगवा सकता है। यह दावा करते हुए उसने नगर निगम और पुलिस विभाग में भर्ती कराने के नाम पर कई लोगों से रुपये ऐंठे थे। लेकिन किसी की भी नौकरी नहीं लगी थी। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान दिलाने का झांसा देते रुपये ऐंठे थे। एसआई के अनुसार प्रतीक मिश्रा ने करीब 250 लोगों से धोखाधड़ी करने की बात कबूल की है। छानबीन में यह जानकारी भी मिली है कि प्रतीक कभी खुद को आईपीएस तो कभी आईएएस अधिकारी बता कर लोगों को प्रभावित करता था।

 

डाटा एंट्री के नाम पर 250 लोगों को ठगा

 

जांच में सामने आया है कि प्रतीक ने सोशल मीडिया के जरिए कई लोगों से सम्पर्क कर वर्क फ्राम होम के जरिए डॉटा इंट्री का काम दिलाने की बात कही थी। जिसके बदले प्रति व्यक्ति करीब 25 हजार रुपये लिए थे। एक बार खाते में रुपये आने के बाद उसने कम्पनी बंद करने के साथ ही फोन नम्बर भी बदल लिया था। उसके बाद पीड़ितों ने उसके खिलाफ गोमतीनगर व विभूतिखंड थाने मुकदमा दर्ज कराया था। तभी से स्थानीय पुलिस व एसटीएफ उसकी तलाश कर रही थी।

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