लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपनी अभूतपूर्व चुनावी यात्रा में 61 दिन के भीतर 204 चुनावी कार्यक्रम कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। 27 मार्च को मथुरा से प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए अपने चुनावी अभियान का आगाज करने वाले योगी ने 169 जनसभा, 15 प्रबुद्ध सम्मेलन और 13 रोड शो कर राजग प्रत्याशियों के लिए जोरदार प्रचार किया।
अभियान का प्रारंभ
27 मार्च को मथुरा की ब्रज भूमि से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेमा मालिनी के पक्ष में प्रबुद्ध सम्मेलन कर अपने चुनावी कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने अत्यधिक गर्मी के बावजूद बिना रुके प्रचार जारी रखा, जिसमें तापमान 47-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, लेकिन उनकी इच्छाशक्ति और समर्पण में कोई कमी नहीं आई।
व्यापक प्रचार अभियान
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के अलावा 12 अन्य राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में भी प्रचार किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी, सुभासपा, रालोद और अपना दल एस के सभी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगा। ढाई महीने के चुनावी कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने 61 दिन तक लगातार प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कुल 204 चुनावी कार्यक्रम किए, जिनमें जनसभा, प्रबुद्ध सम्मेलन, रोड शो, अधिवक्ता सम्मेलन, नारी सम्मेलन, कार्यकर्ता सम्मेलन, और लोकसभा संचालन समिति की बैठकें शामिल थीं।
महत्वपूर्ण नेताओं के लिए प्रचार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नामांकन में भी भाग लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी नामांकन, अधिवक्ता सम्मेलन, लोकसभा संचालन समिति की बैठक, नारी वंदन संवाद और जनसभा जैसे कार्यक्रमों का नेतृत्व किया। इसके अलावा उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नामांकन से लेकर जनसभा तक की कमान भी संभाली।
उत्तर प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटों पर पहुंचे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटों पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं से संवाद किया। उन्होंने यहां की विकास कार्यों की जानकारी ली और आम जनता से मुलाकात की। इससे उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की संभावनाएं और भी मजबूत हुईं।
नए प्रत्याशियों का समर्थन
भाजपा ने कई सीटों से नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा, जिनमें श्रावस्ती से साकेत मिश्र, कैसरगंज से करण भूषण शरण सिंह, घोसी से अरविंद राजभर, जौनपुर से कृपाशंकर सिंह, राबटर्सगंज से रिंकी कोल, पीलीभीत से जितिन प्रसाद, मैनपुरी से जयवीर सिंह, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार, बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य, मेरठ से अरुण गोविल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, हाथरस से अनूप प्रधान, फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह, कानपुर से रमेश अवस्थी, बहराइच से आनंद गोड़, बाराबंकी से राजरानी रावत, गाजीपुर से पारसनाथ राय, इलाहाबाद से नीरज त्रिपाठी, फूलपुर से प्रवीण पटेल, भदोही से विनोद बिंद, देवरिया से शशांक मणि त्रिपाठी, और बलिया से नीरज शेखर शामिल थे। योगी आदित्यनाथ ने इन प्रत्याशियों के लिए भी जनसभा और रैलियों का आयोजन कर समर्थन मांगा।
भाजपा के सहयोगी दलों के लिए प्रचार
भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल रालोद के बिजनौर से प्रत्याशी चंदन चौहान, बागपत से उम्मीदवार राजकुमार सांगवान के लिए भी योगी आदित्यनाथ ने रैली और सम्मेलन किए। सातवें चरण में एनडीए के घटक दल अपना दल (एस) की मीरजापुर सीट से प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और राबटर्सगंज से उम्मीदवार रिंकी कोल के लिए भी योगी आदित्यनाथ ने चिलचिलाती धूप में जनसमर्थन मांगा। घोसी से सुभासपा उम्मीदवार डॉ. अरविंद राजभर के समर्थन में योगी ने स्थानीय लोगों को विश्वास दिलाया कि इनकी ‘छड़ी’ घोसी के बुजुर्गों का सहारा भी बनेगी।
समापन
सीएम योगी ने 27 मार्च को ब्रज भूमि से अपने चुनावी कार्यक्रम का आगाज किया और पंजाब में रैलियों के साथ इसे समाप्त किया। 61 दिन में 204 चुनावी कार्यक्रम करके उन्होंने राजग प्रत्याशियों के लिए जोरदार समर्थन जुटाया और उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों के साथ ही 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में भी ‘कमल के कमाल’ की अपील की।
योगी आदित्यनाथ का यह चुनावी अभियान उनके नेतृत्व और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है, जिसने उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों को व्यापक समर्थन दिलाया।