अयोध्या को जल्द मिल सकती है 110 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात
अयोध्या, 24 जुलाई। अयोध्या में विकास की गंगा बहाने के लिए नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार प्रयासरत हैं। हाल ही में गठित अयोध्या तीर्थ विकास परिषद अब 110 करोड़ रुपये की नई योजनाओं को मंजूरी देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इन योजनाओं पर मुहर लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक कर सकते हैं।
योजनाओं का पिटारा खोलने की तैयारी
श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद के पास कुल 11 विकास परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे गए हैं। इनमें से 8 प्रस्ताव अयोध्या विकास प्राधिकरण से और 3 प्रस्ताव उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम से हैं। इन सभी योजनाओं की कुल लागत करीब 110 करोड़ रुपये होगी। परिषद की आगामी बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है।
प्रस्तावित परियोजनाएँ
– सभी प्रमुख स्थलों पर साइनेज लगवाने की योजना।
– सरयू तट पर शिल्पकला एवं फाउंटेन व सौंदर्यीकरण का कार्य जिसकी अनुमानित लागत 9 करोड़ रुपये है।
– आचार्य नरेंद्र देव विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में स्थित गुलाबबाड़ी का सौंदर्यीकरण।
– राम की पैड़ी कैनाल से एनएच-27 तक सोतिया नाला का निर्माण।
– मणि पर्वत के चारों तरफ एएसआई क्षेत्र छोड़कर पाथवे का निर्माण। फ्लोरिंग, बेंच, साइनेज, लाइट एवं लेजर, पारदर्शी स्क्रीन, फूड क्योस्क का निर्माण।
– अयोध्या के विभिन्न स्थलों का सौंदर्यीकरण। यात्रियों के रुकने और विश्राम की व्यवस्था का कार्य।
– अयोध्या के कौशलेश सदन के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण।
– संत निवास का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण।
विकास की गंगा बहाने का प्रयास
अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के सीईओ संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि अयोध्या के नियोजित विकास के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं के प्रस्ताव परिषद को मिले हैं। अयोध्या में 32 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर पहले से ही काम चल रहा है, और अब इन नई योजनाओं से रामनगरी में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
रामनगरी की पौराणिकता की गवाह मणिपर्वत का भी सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। मणिपर्वत भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है और यहां हर साल सावन माह में मेला लगता है। रामनगरी में झूलनोत्सव का शुभारंभ मणिपर्वत मेले के साथ ही होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली संभावित बैठक में इन योजनाओं को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है, जिससे अयोध्या में विकास के नए अध्याय की शुरुआत होगी।