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हाईकोर्ट : हत्याकांड में याचिकाकर्ताओं को नहीं मिली राहत

 

सारांश

मामले में याचिकाकर्ताओं ने दूसरे पक्ष पर डोरी लाल की हत्या का आरोप लगाया था। ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया। निचली अदालत के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

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मथुरा के मानत थाना अंतर्गत 2012 में हुए हत्याकांड में दोषियों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने वीरेंद्र सिंह की अपील पर सुनवाई करते हुए दिया.

मामले में याचिकाकर्ताओं ने दूसरे पक्ष पर डोरी लाल की हत्या का आरोप लगाया था। ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया। निचली अदालत के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला सही पाया। अदालत ने कहा कि घटना के चश्मदीद गवाह जो मामले के गवाह हैं, वे सभी मृतक के रिश्तेदार हैं और वे अपनी गवाही भी साबित नहीं कर सके। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया। ब्यूरो

दायरा

मथुरा के मानत थाना अंतर्गत 2012 में हुए हत्याकांड में दोषियों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने वीरेंद्र सिंह की अपील पर सुनवाई करते हुए दिया.

मामले में याचिकाकर्ताओं ने दूसरे पक्ष पर डोरी लाल की हत्या का आरोप लगाया था। ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया। निचली अदालत के फैसले को याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला सही पाया। अदालत ने कहा कि घटना के चश्मदीद गवाह जो मामले के गवाह हैं, वे सभी मृतक के रिश्तेदार हैं और वे अपनी गवाही भी साबित नहीं कर सके। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया। ब्यूरो

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