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महिला श्रमिकों को मातृत्व लाभ देने में UP ‘अव्वल’, सरकार ने जारी किया आंकड़ा

पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार में श्रमिकों को सर्वाधिक लाभ देने का काम किया गया है. जिससे उनके जीवन स्तर में लगातार सुधार आया है. उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा का भी लाभ मिला है.

लखनऊ. महिला-बेटियों की सुरक्षा, स्वावलंबन और उनका आत्मसम्मान बढ़ाने वाली योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में महिला श्रमिकों को सर्वाधिक मातृत्व हितलाभ देने का कार्य किया है. सरकार ने प्रदेश में मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत 28 दिसंबर 2018 से 30 जून 2021 तक 92 हजार 185 महिला श्रमिकों पर 1 अरब 50 करोड़ 62 लाख 31 हजार 864 रुपये व्यय किए हैं. योजना के तहत लड़का पैदा होने पर एकमुश्त 20 हजार और लड़की होने पर 25 हजार रुपये की धनराशि दी गई है.

प्रदेश सरकार की ओर से संचालित योजना के तहत महिला श्रमिकों को मां बनने का सुख तो मिला है, साथ में आर्थिक लाभ से उनके सपने भी पूरे हुए हैं. योजना के तहत संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर से 3 माह के वेतन के बराबर धनराशि के साथ 1 हजार रुपये चिकित्सा बोनस दिया जाता है. पंजीकृत निर्माण श्रमिक के अधिकतम 2 नवजात शिशुओं के लिए पौष्टिक आहार की मदद मिलती है. उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत पुरुष श्रमिक की पत्नी को लड़का पैदा होने पर एकमुश्त 20 हजार रुपये और लड़की होने पर 25 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है. बोर्ड में पंजीकृत महिला श्रमिकों को लड़का या लड़की पैदा होने पर यह धनराशि दी जाती है. पुरुष कामगार की ओर से आवेदन किए जाने पर उनकी पत्नियों को मातृत्व हितलाभ के रूप में 6000 रुपये की धनराशि एकमुश्त दी जाती है, जो पहले 2 किस्तों में दी जाती थी.

प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद पूर्व में संचालित मातृत्व हितलाभ योजना के तहत 1 अप्रैल 2017 से मार्च 2020 तक 5,96,712,785 रुपये की धनराशि से 61535 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जा चुका है. जबकि शिशु हितलाभ योजना में मार्च 2020 तक 1,32,36,32,000 रुपये की धनरशि व्यय कर 102129 लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाया गया. बालिका मदद योजना के तहत मार्च 2020 तक वर्तमान सरकार ने 8912 लाभार्थियों को 17,23,01,005 रुपये की धनराशि का लाभ पहुंचाने का काम किया है. पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार में श्रमिकों को सर्वाधिक लाभ देने का काम किया गया है. जिससे उनके जीवन स्तर में लगातार सुधार आया है. उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा का भी लाभ मिला है.

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