लखनऊ के एक बिल्डर ने खुद को विधुर बताकर युवती से संबंध बनाए। उसे शादी का झांसा देकर कई साल तक रिलेशनशिप में रहा। भरोसा दिलाने के लिए लाखों रुपए का मकान उसके नाम से खरीद दिया। मगर, जब युवती ने जब शादी का दबाव बनाया, तो उस पर पिस्टल तान दी। युवती की तहरीर पर मंगलवार को कृष्णानगर कोतवाली में बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी निवासी युवती के मुताबिक देवगंगा कॉन्ट्रेक्शन के मालिक हंसराज रावत से उसकी मुलाकात 4 साल पहले हुई थी। मोहनलालगंज के पदमिन खेड़ा निवासी हंसराज ने बताया कि उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है। उसके छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल के लिए दूसरी शादी करना चाहता है। शादी की बात पर दोनों में सहमति बनी और पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे। हंसराज ने उसे रहने के लिए 20 लाख रुपए का मकान खरीदकर दिया। इसी मकान पर वह युवती के साथ रात गुजारता था।
कंपनी में बनाया डायरेक्टर, लेकिन नही दिया वेतन
युवती ने पुलिस को बताया कि हंसराज ने उसका शारीरिक शोषण करने के लिए उसे अपनी कंपनी में डायरेक्टर बना दिया। मगर, उसे एक भी महीने का वेतन नहीं दिया। इस बीच युवती 5 बार गर्भवती हुई, तो उसने जबरन गर्भपात करवा दिया। युवती ने उसका विरोध करना शुरू किया, तो वो प्रताड़ित करने के साथ दूसरे लोगों के साथ भी हमबिस्तर होने का दबाव बनाने लगा।
घर पहुंची तो पत्नी को जिंदा देख दंग रह गई पीड़िता
युवती ने पुलिस को बताया कि हंसराज ने अपने बच्चों को उसके साथ ही रखा था। वह कई साल तक बच्चों की देखभाल मां की तरह ही करती रही। मगर, उसकी हरकतों पर शक गहराने पर एक दिन मोहनलालगंज स्थित उसके घर पहुंच गई। वहां हंसराज की पत्नी को जिंदा देख दंग रह गई। इस पर उसे अपने साथ हो रहे धोखे का अहसास हुआ।
पुलिस ने नहीं सुनी, तो वन स्टॉप सेंटर का लिया सहारा
पीड़िता ने बताया कि वह हंसराज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने थाने पहुंची, तो पुलिस आरोपी की तरफदारी करने लगी। काफी प्रयास के बाद भी सुनवाई नही हुई, तो महिला सुरक्षा के लिए संचालित वन स्टॉप सेंटर पहुंची। सेंटर की प्रभारी अर्चना सिंह ने बताया कि महिला के शिकायत की जांच करने के बाद थाने में संपर्क किया गया। इसके बाद किसी तरह पुलिस ने केस दर्ज किया।