राज्य

इलाहाबाद हाईकोर्ट : पत्नी के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

 

सारांश

याचिकाकर्ता एक विवाहित महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। महिला अक्टूबर 2021 में पति द्वारा प्रताड़ित होने के बाद घर छोड़ कर याचिकाकर्ता के साथ रहने लगी थी। इसके बाद पति ने पत्नी की रोजमर्रा की जिंदगी में दखल देना शुरू कर दिया।

खबर सुनो

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ पति द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में व्यक्ति (लिव-इन पार्टनर) और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही महिला के पति को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने मोहित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

याचिकाकर्ता एक विवाहित महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। महिला अक्टूबर 2021 में पति द्वारा प्रताड़ित होने के बाद घर छोड़ कर याचिकाकर्ता के साथ रहने लगी थी। इसके बाद पति ने पत्नी की रोजमर्रा की जिंदगी में दखल देना शुरू कर दिया। इसलिए दोनों ने सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अदालत ने 6 दिसंबर, 2021 के अपने आदेश के तहत उन्हें सुरक्षा देने का आदेश पारित किया था।

कोर्ट ने संरक्षण देते हुए यह भी कहा था कि लिव-इन रिलेशनशिप जीवन का हिस्सा बन गया है। इस मामले में पति ने अमरौहा जिले के गजरौला थाने में याचिकाकर्ता व उसके पिता, भाई व मां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। बशर्ते कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करे।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ पति द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में व्यक्ति (लिव-इन पार्टनर) और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही महिला के पति को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने मोहित अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

याचिकाकर्ता एक विवाहित महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। महिला अक्टूबर 2021 में पति द्वारा प्रताड़ित होने के बाद घर छोड़ कर याचिकाकर्ता के साथ रहने लगी थी। इसके बाद पति ने पत्नी की रोजमर्रा की जिंदगी में दखल देना शुरू कर दिया। इसलिए दोनों ने सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अदालत ने 6 दिसंबर, 2021 के अपने आदेश के तहत उन्हें सुरक्षा देने का आदेश पारित किया था।

कोर्ट ने संरक्षण देते हुए यह भी कहा था कि लिव-इन रिलेशनशिप जीवन का हिस्सा बन गया है। इस मामले में पति ने अमरौहा जिले के गजरौला थाने में याचिकाकर्ता व उसके पिता, भाई व मां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। बशर्ते कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करे।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button