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लखनऊ में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया।जानिए पूरी ख़बर

लखनऊ में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ब्रेन डेड के बाद युवक की एक किडनी और लीवर अपोलो, कॉर्निया केजीएमयू को डोनेट किया गया।

 

राजधानी लखनऊ में पहली बार किडनी ट्रांसप्लांट के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके साथ ही एंबुलेंस ने अपोलो मेडिक्स से पीजीआई के बीच करीब 11 किमी की दूरी महज सात मिनट में तय की। सामान्य ट्रैफिक में इस दूरी को तय करने में 25 से 30 मिनट का समय लगता है।

अपोलो मेडिक्स अस्पताल के सीईओ और एमडी डॉ. मयंक सोमानी ने बताया कि हादसे में 21 वर्षीय युवक के ब्रेन डेड होने के बाद परिजनों ने अन्य मरीजों को जीवन देने के लिए अंगदान की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया. इनमें से एक किडनी और लीवर को अपोलोमेडिक्स अस्पताल में ही अंगदान का इंतजार कर रहे मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया।

वहीं, नेत्रदान का इंतजार कर रहे एक मरीज को कार्निया प्रत्यारोपण के लिए केजीएमयू भेजा गया और पीजीआई में भर्ती 35 वर्षीय महिला को एक किडनी दी गई। एसजीपीजीआई के डॉक्टरों को जब अपोलोमेडिक्स में किडनी की उपलब्धता की जानकारी हुई तो दोनों अस्पतालों के डॉक्टरों ने 10 और 11 मई की पूरी रात क्रॉस मैचिंग की प्रक्रिया पूरी की.

इसके बाद उन्होंने तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बनाने वाले प्रशासन और पुलिस से किडनी पहुंचाने में सहयोग मांगा. इसकी मदद से बुधवार दोपहर को किडनी को अपोलो मेडिक्स से पीजीआई ले जाया गया। उम्मीद है इससे महिला को एक नया जीवन मिलेगा।

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